Dinesh Pratap Singh is seeking to register a F.I.R. against the corrupt staffs of the L.D.A. who committed serious irregularities

 






संदर्भ संख्या : 40015721054573 , दिनांक - 28 Jul 2021 तक की स्थिति

आवेदनकर्ता का विवरण :

शिकायत संख्या:-40015721054573

आवेदक का नाम-Dinesh Pratap Singhविषय-श्री मान जी प्रार्थी का चल भाष  Mobile number-9838919619 और प्रार्थी से किसी बक्त संपर्क करके दोषियों की विरुद्ध अविलम्ब कार्यवाही की जा सकती है पुलिस दोषियों के साथ प्राधिकरण के उन कर्मचारिओं क विरुद्ध भी कार्यवाही करे जो पिछले दो वर्षो से मामले में टाल मटोल कर रहे है लखनऊ विकास प्राधिकरण की आख्या दिनांक १६/०७/२०२१  जो की विशेष कार्याधिकारी अमित राठौर द्वारा जनसुनवाई पोर्टल पर प्रस्तुत है प्रत्यावेदन के साथ संलग्न है  श्री मान जी जब समस्त मूल अभिलेख प्रार्थी के पास है तब  निबंधन विलेख का संपादन लखनऊ विकास प्राधिकरण द्वारा किस आधार पर किया गया और दर्जनों पत्रों के बावजूद आबंटियों द्वारा मूल अभिलेख लखनऊ विकास प्राधिकरण के समक्ष नहीं प्रस्तुत किया गया अर्थात उनके पास मूल अभिलेख नहीं था क्यों की आबंटी भू खंड विक्रय के उपरांत समस्त दस्तावेज प्रार्थी को सौप दिए थे अर्थात लखनऊ विकास प्राधिकरण के कुछ अधिकारी और  कर्मचारिओं द्वारा न सिर्फ माननीय उच्च न्यायालय के निर्णय को दरकिनार किया गया बल्कि निबंधन विलेख का संपादन में भी स्थापित मानकों का पालन नहीं किया गया निबंधन विलेख का संपादन लखनऊ विकास प्राधिकरण द्वारा किया जा चूका है तो माननीय उच्च न्यायालय के आदेश के क्रम में विपक्षियों द्वारा दायर मालिकाना वाद में पारित निर्णय की प्रति जिसके आधार पर निबंधन की कार्यवाही सम्पादित की गई प्रार्थी को उपलब्ध कराये जिसको प्रार्थी उपयुक्त प्राधिकरण  समक्ष चुनौती दे सके और जिस अधिकारी अथवा अधिकारी गण  ने निबंधन की कार्यवाही सम्पादित की उसका पोस्टिंग विवरण उपलब्ध कराये और निबंधन की कार्यवाही का विवरण भी श्री मान जी प्रार्थी के जीवन भर की कमाई भी ले लिए और लखनऊ विकास प्राधिकरण के सम्बंधित कर्मचारिओं  को घुस दे कर बिना मूल अभिलेख के निबंधन विलेख का संपादन करा लिए और लखनऊ विकास प्राधिकरण रो रहा है की बिपक्षी गण  मूल अभिलेख  दे रहे है अरे मूल अभिलेख तो प्रार्थी के पास है नियमानुसार विकास प्राधिकरण के दोषी कर्मचारिओं के विरुद्ध उच्च न्यायालय के आदेश को दरकिनार कर और बिना मूल दस्तावेज के परिशीलन के निबंधन विलेख का संपादन करने लिए प्रथम सूचना रिपोर्ट अविलम्ब दर्ज कराइ जाय 

विभाग -विकास प्राधिकरणशिकायत श्रेणी -

नियोजित तारीख-12-08-2021शिकायत की स्थिति-

स्तर -विकास प्राधिकरणपद -उपाध्यक्ष

प्राप्त रिमाइंडर-

प्राप्त फीडबैक -दिनांक को फीडबैक:-

फीडबैक की स्थिति -

संलग्नक देखें -Click here

नोट- अंतिम कॉलम में वर्णित सन्दर्भ की स्थिति कॉलम-5 में अंकित अधिकारी के स्तर पर हुयी कार्यवाही दर्शाता है!

अग्रसारित विवरण :

क्र.स. सन्दर्भ का प्रकार आदेश देने वाले अधिकारी प्राप्त/आपत्ति दिनांक नियत दिनांक अधिकारी को प्रेषित आदेश स्थिति

1 अंतरित ऑनलाइन सन्दर्भ 28-07-2021 12-08-2021 उपाध्यक्ष-लखनऊ,विकास प्राधिकरण अनमार्क

Beerbhadra Singh

To write blogs and applications for the deprived sections who can not raise their voices to stop their human rights violations by corrupt bureaucrats and executives.

2 Comments

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  1. जिस अधिकारी अथवा अधिकारी गण ने निबंधन की कार्यवाही सम्पादित की उसका पोस्टिंग विवरण उपलब्ध कराये और निबंधन की कार्यवाही का विवरण भी श्री मान जी प्रार्थी के जीवन भर की कमाई भी ले लिए और लखनऊ विकास प्राधिकरण के सम्बंधित कर्मचारिओं को घुस दे कर बिना मूल अभिलेख के निबंधन विलेख का संपादन करा लिए और लखनऊ विकास प्राधिकरण रो रहा है की बिपक्षी गण मूल अभिलेख दे रहे है अरे मूल अभिलेख तो प्रार्थी के पास है नियमानुसार विकास प्राधिकरण के दोषी कर्मचारिओं के विरुद्ध उच्च न्यायालय के आदेश को दरकिनार कर और बिना मूल दस्तावेज के परिशीलन के निबंधन विलेख का संपादन करने लिए प्रथम सूचना रिपोर्ट अविलम्ब दर्ज कराइ जाय

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  2. यह बहुत बड़े भ्रष्टाचार का संकेत है और बहुत से प्रत्यावेदन संबंधित नौकरशाहों को भेजे गए हैं किंतु उनके द्वारा जो कार्यवाही की गई है वह महज जीरो रही है अब ऐसे में क्या अपेक्षा की जा सकती है प्रदेश सरकार से और क्या अपेक्षा की जा सकती है केंद्र सरकार से जनता इस भ्रष्टाचार में पिस रही है भ्रष्टाचार इस देश का कल्चर बन चुका है

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