L.D.A. made the mockery of order passed by Lucknow bench of the High court of judicature at Allahabad Dinesh Pratap Singh

 







संदर्भ संख्या : 40015721054491 , दिनांक - 28 Jul 2021 तक की स्थिति

आवेदनकर्ता का विवरण :

शिकायत संख्या:-40015721054491

आवेदक का नाम-Dinesh Pratap Singhविषय-संदर्भ संख्या : 40015721022420 , दिनांक - 28 Jul 2021 तक की स्थिति आवेदनकर्ता का विवरण : शिकायत संख्या:-40015721022420आवेदक का नाम-Dinesh Pratap Singhअग्रसारित विवरण :क्र.स. सन्दर्भ का प्रकार आदेश देने वाले अधिकारी प्राप्त/आपत्ति दिनांक नियत दिनांक अधिकारी को प्रेषित आदेश स्थिति1 अंतरित ऑनलाइन सन्दर्भ 27-03-2021 11-04-2021 उपाध्यक्ष-लखनऊ,विकास प्राधिकरण C-श्रेणीकरण2 आख्या मंडलायुक्त( ) 16-06-2021 07-06-2021 उपाध्यक्ष-लखनऊ,विकास प्राधिकरण कृपया प्रकरण का गंभीरता से पुनः परीक्षण कर नियमानुसार कार्यवाही करते हुए 07 दिवस में आख्या उपलब्ध कराए जाने की अपेक्षा की गई है आख्या प्रेषित,अनुमोदन लंबितश्री मान जी उक्त शिकायत के साथ संलग्न पीडीऍफ़ डॉक्यूमेंट पांच पेज का है प्रथम दो पेज खुद लखनऊ विकास प्राधिकरण द्वारा जारी नोटिस है जो अजय सिंह और गुड्डी को जारी किया गया है और अंत के तीन पेज माननीय उच्च न्यायालय इलाहाबाद के लखनऊ खंड पीठ का निर्णय है आप द्वारा प्रार्थी से कुछ डाक्यूमेंट्स वांछित है किन्तु अभी तक आपने उन डाक्यूमेंट्स का विवरण प्रार्थी को उपलब्ध नहीं कराया यदि आप उपरोक्त संलग्न डॉक्यूमेंट का मूल प्रति चाहते है तो अजय सिंह और गुड्डी को जारी नोटिस का मूल प्रति आप अपने विभाग से ही ले सकते है और माननीय उच्च न्यायालय के आदेश की नक़ल ही प्रार्थी को उपलब्ध हो सकती है और रही मूल प्रति की वह तो पक्षकारो  को भी नहीं मिलती उन्हें  नक़ल से ही काम चलाना पड़ता  है उच्च न्यायालय और सर्वोच्च न्यायालय तो कोर्ट ऑफ़ रिकार्ड्स है उनसे मूल प्रति आप ही ले सकते है संदर्भ संख्या : 40015721040389 , दिनांक - 28 Jul 2021 तक की स्थितिआवेदनकर्ता का विवरण :शिकायत संख्या:-40015721040389आवेदक का नाम-Dinesh Pratap Singhविषय-संदर्भ संख्या : 40015721022420 , दिनांक - 14 Jun 2021 तक की स्थिति आवेदनकर्ता का विवरण :शिकायत संख्या:-40015721022420 आवेदक का नाम-Dinesh Pratap Singh 1 अंतरित ऑनलाइन सन्दर्भ 27-03-2021 11-04-2021 उपाध्यक्ष-लखनऊ,विकास प्राधिकरण C-श्रेणीकरण 2 आख्या मंडलायुक्त 31-05-2021 07-06-2021 उपाध्यक्ष-लखनऊ,विकास प्राधिकरण कृपया प्रकरण का गंभीरता से पुनः परीक्षण कर नियमानुसार कार्यवाही करते हुए 07 दिवस में आख्या उपलब्ध कराए जाने की अपेक्षा की गई है कार्यालय स्तर पर लंबितउपरोक्त का गलत ढंग से निस्तारण करते हुए आपने पुनः मूल प्रति तलब की जिसमें प्रार्थी ने स्पस्ट रूप से आप से पूछा है की आप  किन दस्तावेजों की मूल प्रति चाहिए किन्तु आप द्वारा दस्तावेजों का विवरण  उपलब्ध कराने के बजाय पुनः तोते  तरह रटा रटाया आख्या लगा दी जो इस प्रत्यावेदन के साथ संलग्न है निबंधन विलेख का संपादन लखनऊ विकास प्राधिकरण द्वारा किया जा चूका है तो माननीय उच्च न्यायालय के आदेश के क्रम में विपक्षियों द्वारा दायर मालिकाना वाद में पारित निर्णय की प्रति जिसके आधार पर निबंधन की कार्यवाही सम्पादित की गई प्रार्थी को उपलब्ध कराये जिसको प्रार्थी उपयुक्त प्राधिकरण  समक्ष चुनौती दे सके और जिस अधिकारी अथवा अधिकारी गण  ने निबंधन की कार्यवाही सम्पादित की उसका पोस्टिंग विवरण उपलब्ध कराये और निबंधन की कार्यवाही का विवरण भी 

विभाग -विकास प्राधिकरणशिकायत श्रेणी -

नियोजित तारीख-12-08-2021शिकायत की स्थिति-

स्तर -विकास प्राधिकरणपद -उपाध्यक्ष

प्राप्त रिमाइंडर-

प्राप्त फीडबैक -दिनांक को फीडबैक:-

फीडबैक की स्थिति -

संलग्नक देखें -Click here

नोट- अंतिम कॉलम में वर्णित सन्दर्भ की स्थिति कॉलम-5 में अंकित अधिकारी के स्तर पर हुयी कार्यवाही दर्शाता है!

अग्रसारित विवरण :

क्र.स. सन्दर्भ का प्रकार आदेश देने वाले अधिकारी प्राप्त/आपत्ति दिनांक नियत दिनांक अधिकारी को प्रेषित आदेश स्थिति

1 अंतरित ऑनलाइन सन्दर्भ 28-07-2021 12-08-2021 उपाध्यक्ष-लखनऊ,विकास प्राधिकरण अनमार्क

Beerbhadra Singh

To write blogs and applications for the deprived sections who can not raise their voices to stop their human rights violations by corrupt bureaucrats and executives.

2 Comments

Whatever comments you make, it is your responsibility to use facts. You may not make unwanted imputations against any body which may be baseless otherwise commentator itself will be responsible for the derogatory remarks made against any body proved to be false at any appropriate forum.

  1. उपरोक्त का गलत ढंग से निस्तारण करते हुए आपने पुनः मूल प्रति तलब की जिसमें प्रार्थी ने स्पस्ट रूप से आप से पूछा है की आप किन दस्तावेजों की मूल प्रति चाहिए किन्तु आप द्वारा दस्तावेजों का विवरण उपलब्ध कराने के बजाय पुनः तोते तरह रटा रटाया आख्या लगा दी जो इस प्रत्यावेदन के साथ संलग्न है निबंधन विलेख का संपादन लखनऊ विकास प्राधिकरण द्वारा किया जा चूका है तो माननीय उच्च न्यायालय के आदेश के क्रम में विपक्षियों द्वारा दायर मालिकाना वाद में पारित निर्णय की प्रति जिसके आधार पर निबंधन की कार्यवाही सम्पादित की गई प्रार्थी को उपलब्ध कराये जिसको प्रार्थी उपयुक्त प्राधिकरण समक्ष चुनौती दे सके और जिस अधिकारी अथवा अधिकारी गण ने निबंधन की कार्यवाही सम्पादित की उसका पोस्टिंग विवरण उपलब्ध कराये और निबंधन की कार्यवाही का विवरण भी

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  2. यह बहुत बड़े भ्रष्टाचार का संकेत है और बहुत से प्रत्यावेदन संबंधित नौकरशाहों को भेजे गए हैं किंतु उनके द्वारा जो कार्यवाही की गई है वह महज जीरो रही है अब ऐसे में क्या अपेक्षा की जा सकती है प्रदेश सरकार से और क्या अपेक्षा की जा सकती है केंद्र सरकार से जनता इस भ्रष्टाचार में पिस रही है भ्रष्टाचार इस देश का कल्चर बन चुका है

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