आवेदनकर्ता का विवरण :
शिकायत संख्या:-40018821041013
आवेदक का नाम-Yogi M P Singhविषय-An application under Article 51 A of the constitution of India to make enquiry regarding the implementation and ramification of the excellent transfer policy of Government of Uttar Pradesh in Gorakhpur zone of the department of forest. Transfer policy of the government is attached herewith. श्री मान जी एक ही स्टेनो पिछले २० वर्षो से प्रभागीय बनाधिकारी गोरखपुर और मुख्य बन संरक्षक गोरखपुर के लिए भी कार्य करता है यहां पर नाम बदनाम करने की आवश्यकता नहीं है किन्तु महत्वपूर्ण यह सोचने की है गोरखपुर बन विभाग को पिछले २० वर्षो से क्या एक स्टेनो चला रहा है या पिछले २० वर्षो में जितने भी प्रभागीय बनाधिकारी गोरखपुर और मुख्य बन संरक्षक गोरखपुर बनाये गए किसी ने ईश्वर द्वारा प्रदत्त विवेक का इस्तेमाल नहीं किया बल्कि वही कार्यशैली अपनाई जो पूर्ववर्ती अधिकारिओं द्वारा अपनाई गई इस कार्यशैली से इस बात पर संदेह जाता है क्या ये सभी अधिकारी कही उस स्टेनो के दिमाग से तो नहीं चलते थे क्योकि पिछले चार वर्षो से मै देख रहा हूँ किसी भी प्रत्यावेदन में उपरोक्त अधिकारिओं द्वारा बिना गुण दोष की विवेचना किये पूर्ववर्ती अधिकारिओं द्वारा प्रस्तुत आख्या को दुहराया जाता है जो की स्वस्थ ब्यवस्था का संकेत नहीं है श्री मान जी यदि स्टेनो के ही दिमाग से चलना है तो उपरोक्त दोनों अधिकारिओं के तनख्वाह से चार स्टेनो की नियुक्ति होगी अर्थात इस बेरोजगारी में चार लोगो को सरकारी नौकरी मिलेगी बेरोजगारी कुछ कम होगी श्री मान किस आधार पर उपरोक्त स्टेनो महोदय गोरखपुर मंडल के उस के कुर्सी पर आसीन है जब कि योगी सरकार की नई तबादला नीति लागू है जिसका उद्देश्य भ्र्ष्टाचार दूर करना है किन्तु उसका सही ढंग से प्रवर्तन खुद गोरखपुर मंडल के बन विभाग में ही नहीं हुआ है एक व्यक्ति एक ही कुर्सी पर पिछले बीस वर्षो से डटा है और मंडल स्तर के अधिकारिओं का कार्य देख रहा है क्यों की वह उनका विश्वास पात्र है उसके लिए योगी सरकार की नई तबादला नीति कोई मायने नहीं रखता वह द्वारा स्थापित परंपरा के ऊपर है अन्यथा योगी की ईमानदारी उसे ले डूबती जिस मंडल ने हमे नाज करने वाला मुख्यमंत्री दिया उस मंडल ने ऐसे कर्मचारिओं को दिया जिनके ऊपर किसी नियम का कोई प्रभाव नहीं है अच्छी ताकते जितनी प्रभावी होती है बुरी ताकते उनसे कुछ कम नही होती है जो चरितार्थ हो रहा है आवश्यकता योगी सरकार की नई तबादला नीति को सही ढंग से लागू करने की है जो की भ्र्ष्टाचार के प्रभाव में बेअसर हो चुका है Undoubtedly the new transfer policy of the government was excellent but after four and half years of incumbency, the government must evaluate it. The matter concerns the office of the divisional forest officer Gorakhpur and the office of chief conservator Gorakhpur in which mockery of the transfer policy of Government of Uttar Pradesh has been made by the concerned accountable staff. The matter concerns the transfer and posting of class 1, class 2, class 3 and class 4 staff in the department of forest Gorakhpur zone especially in the office DFO and chief conservator Gorakhpur of the Government of Uttar Pradesh. Undoubtedly transfer and posting in the government has taken a form of industry despite efforts of the government of Uttar Pradesh to curb it publicly. नई तबादला नीति में एक जिले में तीन वर्ष व एक मंडल में सात साल पूरे करने वाले समूह क एवं ख के स्थानांतरण का प्रावधान किया गया है मंडलीय कार्यालयों व विभागाध्यक्ष कार्यालयों में की गई तैनाती की अवधि को मंडल में निर्धारित सात वर्ष की अवधि में शामिल नहीं माना जाएगा। पिछली सरकार में जहां तबादलों की सीमा अधिकतम दस प्रति शत थी, वहीं भाजपा सरकार ने इसे बीस प्रति शत कर दिया है
Department -पर्यावरण,वन एवं जलवायु परिवर्तन विभागComplaint Category -
नियोजित तारीख-03-11-2021शिकायत की स्थिति-
Level -जनपद स्तरPost -प्रभागीय वन अधिकारी
प्राप्त रिमाइंडर-
प्राप्त फीडबैक -दिनांक को फीडबैक:-
फीडबैक की स्थिति -
संलग्नक देखें -Click here
नोट- अंतिम कॉलम में वर्णित सन्दर्भ की स्थिति कॉलम-5 में अंकित अधिकारी के स्तर पर हुयी कार्यवाही दर्शाता है!
अग्रसारित विवरण :
क्र.स. सन्दर्भ का प्रकार आदेश देने वाले अधिकारी प्राप्त/आपत्ति दिनांक नियत दिनांक अधिकारी को प्रेषित आदेश स्थिति
1 अंतरित ऑनलाइन सन्दर्भ 24-10-2021 03-11-2021 प्रभागीय वन अधिकारी-गोरखपुर,पर्यावरण,वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग अनमार्क
नई तबादला नीति में एक जिले में तीन वर्ष व एक मंडल में सात साल पूरे करने वाले समूह क एवं ख के स्थानांतरण का प्रावधान किया गया है मंडलीय कार्यालयों व विभागाध्यक्ष कार्यालयों में की गई तैनाती की अवधि को मंडल में निर्धारित सात वर्ष की अवधि में शामिल नहीं माना जाएगा। पिछली सरकार में जहां तबादलों की सीमा अधिकतम दस प्रति शत थी, वहीं भाजपा सरकार ने इसे बीस प्रति शत कर दिया है
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