How can S.D.M. Sadar give possession of land, executes registry to third party if title suit is pending in civil court? Vineet Kumar Maurya

 






संदर्भ संख्या : 40019921014885 , दिनांक - 08 Aug 2021 तक की स्थिति

आवेदनकर्ता का विवरण :

शिकायत संख्या:-40019921014885

आवेदक का नाम-Vineet Kumar Mauryaविषय-श्री मान जी दिनांक ०१/०४ /२०२१ की रिपोर्ट जो की जिलाधिकारी द्वारा उपजिलाधिकारी सदर को पृष्ठांकित है और उपजिलाधिकारी सदर ने तहसीलदार सदर को पृष्ठांकित किया है उसमे लिखा गया है की चूकि मामला सिविल न्यायालय में लंबित है इसलिए कोई कार्यवाही संभव नहीं है महोदय प्रार्थी भी यही कह रहा है की जब मामला/ टाइटल विवाद सिविल न्यायालय में लंबित है तो उपजिलाधिकारी सदर द्वारा किस तरह से तीसरे पक्ष को रजिस्ट्री कर दी गई और पुलिस की मदद से जमीन का कब्ज़ा भी दिलवा दिया गया इसलिए शिकायत संख्या:-60000210053983 का निस्तारण मनमानी आख्या लगा कर जिलाधिकारी को गुमराह करते हुए किया गया है इस प्रकरण में खुद उपजिलाधिकारी सदर दोषी है इसलिए इसका निस्तारण उच्च स्तरीय टीम गठित कर किया जाय जब अपराधी ही जज बन जाएगा तो निर्णय कहा से होगा इस प्रकरण का हल उपजिलाधिकारी के क्षेत्राधिकार से बाहर निकाला जाय क्योकि मुख्य दोषी खुद उपजिलाधिकारी सदर ही है उनके विरुद्ध प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज किया जाय और विवेचना क्षेत्राधिकारी स्तर के पुलिस अधिकारी द्वारा कराया जाय और प्रार्थी प्रतिनिधि को भी सुना जाय श्री मान जी न्यायिक और प्रशासनिक निर्णयों का आधार तर्क होता है श्री मान जी प्रथम पेज संलग्नक का तहसीलदार सदर की आख्या दिनांक ०२ मार्च २०२१ है जिसमे उनका निस्तारण का आधार पुलिस द्वारा मामले में दबाव बना कर समझौता कराना और मामला न्यायालय में विचाराधीन है इसलिए हस्तक्षेप से इंकार है महोदय संलग्नक का द्वितीय पेज क्षेत्राधिकारी सदर की आख्या दिनांक २० दिसंबर २०२० जिसके अनुसार जमीन की रजिस्ट्री एक तीसरे पार्टी को की गई जिसकी मालिकाना तीसरी पार्टी को पुलिस और तहसील में मिलजुल कर किया है गौर करने की बात यह है की मालिकाना का बिबाद दो पक्षों के बीच है जब की तहसील द्वारा तीसरे पक्ष को मालिकाना हक़ प्रदान करके पुलिस के माध्यम से जमीन का कब्ज़ा करा दिया गया और पुलिस द्वारा यह दबाव उपजिलाधिकारी सदर की वजह से बनाया गया अब प्रश्न यह है की भू माफियाओं के दबाव में आकर उपजिलाधिकारी सदर द्वारा नियम विरुद्ध अराजकता पूर्ण कार्य क्यों किया गया प्रार्थी तो न्यायालय के कार्यक्षेत्र में अनधिकृत प्रवेश करने के लिए उपजिलाधिकारी सदर के विरुद्ध नियमानुसार कार्यवाही की मांग करता है साथ ही एक उच्च स्तरीय जांच जो ईमानदारी से प्रशासन और भू माफिया के गठजोड़ को अनावरण करे जिनके समक्ष न्यायालय भी नपुंसक बन गया है श्री मान जी महत्वपूर्ण तथ्य यह है की उपजिलाधिकारी सदर द्वारा सिविल न्यायालय की कार्यवाही में अनावश्यक हस्तक्षेप करने और अधिकारिता को दातो तले लेना कौन सा कैनन लॉ न्यायोचित ठहरा रहा है श्री मान जी संलग्नक संलग्नक के पेज ३ व ४ देखे दिनांक20-02-2021 को फीडबैक:-महोदय अविवेक पूर्ण निस्तारण केवल शिकायतों की संख्या को बढाता है दिनांक २५/०१/२०२१ की रिपोर्ट उपजिलाधिकारी की और से प्रस्तुत किया गया है जिसमे उन्होंने यह कह कर मुक्ति पा ली की मामला पुलिस से सम्बंधित है क्यों की पुलिस द्वारा दबाव बना कर सुलह कराया गया है जब की प्रार्थी द्वारा निवेदन का सारांश कुछ इस प्रकार है क्षेत्राधिकारी सदर की रिपोर्ट दिनांक २० दिसंबर २०२० के अनुसार उपजिलाधिकारी के आदेश का पालन करने के क्रम में जमीन का सीमांकन पुलिस द्वारा निश्चित कराया गया और अपराधिक दंड संहिता की धारा १०७/१६ को उभय पक्षों पर लगा करके पुलिस द्वारा शांति कायम किया गया है यह कैसे न्यायोचित है क्या उत्तर प्रदेश सरकार इस आराजकता को रोकेगी जब मुकदमे का निर्णय सक्षम सिविल न्यायालय में मामले से सम्बंधित जमीन के टाइटल से सम्बंधित लंबित है तो कैसे विपक्ष द्वारा तीसरे पक्ष को जमीन की रजिस्ट्री कर दी जो की संलग्न दस्तावेजों से स्पस्ट है सरकारी तंत्र में कहा ईमानदारी है यदि जमीन का बिबाद न्यायालय में लंबित है तो कैसे प्रशासनिक अधिकारी और पुलिस मिलकर जमीन का मालिकाना हक़ तीसरे पक्ष को दे सकते है अर्थात उपजिलाधिकारी महोदय को आंग्ल भाषा का थोड़ा भी ज्ञान नहीं है इसलिए उन्होंने वही दिसंबर की रिपोर्ट को जनवरी के आख्या में दुहराया है जब की यह प्रकरण खुद उपजिलाधिकारी को ही बिधि विरुद्ध

विभाग -राजस्व एवं आपदा विभागशिकायत श्रेणी -

नियोजित तारीख-07-09-2021शिकायत की स्थिति-

स्तर -तहसील स्तरपद -तहसीलदार

प्राप्त रिमाइंडर-

प्राप्त फीडबैक -दिनांक को फीडबैक:-

फीडबैक की स्थिति -

संलग्नक देखें -Click here

नोट- अंतिम कॉलम में वर्णित सन्दर्भ की स्थिति कॉलम-5 में अंकित अधिकारी के स्तर पर हुयी कार्यवाही दर्शाता है!

अग्रसारित विवरण :

क्र.स. सन्दर्भ का प्रकार आदेश देने वाले अधिकारी प्राप्त/आपत्ति दिनांक नियत दिनांक अधिकारी को प्रेषित आदेश स्थिति

1 अंतरित ऑनलाइन सन्दर्भ 08-08-2021 07-09-2021 तहसीलदार-सदर,जनपद-मिर्ज़ापुर,राजस्व एवं आपदा विभाग अनमार्क

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  1. श्री मान जी दिनांक ०१/०४ /२०२१ की रिपोर्ट जो की जिलाधिकारी द्वारा उपजिलाधिकारी सदर को पृष्ठांकित है और उपजिलाधिकारी सदर ने तहसीलदार सदर को पृष्ठांकित किया है उसमे लिखा गया है की चूकि मामला सिविल न्यायालय में लंबित है इसलिए कोई कार्यवाही संभव नहीं है महोदय प्रार्थी भी यही कह रहा है की जब मामला/ टाइटल विवाद सिविल न्यायालय में लंबित है तो उपजिलाधिकारी सदर द्वारा किस तरह से तीसरे पक्ष को रजिस्ट्री कर दी गई और पुलिस की मदद से जमीन का कब्ज़ा भी दिलवा दिया गया इसलिए शिकायत संख्या:-60000210053983 का निस्तारण मनमानी आख्या लगा कर जिलाधिकारी को गुमराह करते हुए किया गया है इस प्रकरण में खुद उपजिलाधिकारी सदर दोषी है इसलिए इसका निस्तारण उच्च स्तरीय टीम गठित कर किया जाय जब अपराधी ही जज बन जाएगा तो निर्णय कहा से होगा

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