Krishna Nagar police may remove encroachment from road which was encroached by offenders with help of them, then advise applicant

 



Grievance Status for registration number : PMOPG/E/2022/0203146

Grievance Concerns To
Name Of Complainant
Kiran Singh
Date of Receipt
31/07/2022
Received By Ministry/Department
Prime Ministers Office
Grievance Description
थाना-कृष्णा नगर, लखनऊ, उत्तर प्रदेश के थाना प्रभारी को स्पष्ट करना चाहिए कि एक फुट रोड कहां है और किस प्रकार पीड़ित की निजी सड़क को अपराधियों द्वारा हथिया लिया जा सकता है? श्री मान जी कमला दयाल उपनिरीक्षक लोकल इंटेलिजेंस यूनिट जिस भू स्वामी से भू खंड खरीदा है वह दूसरा है और प्रार्थिनी द्वारा जमीन श्री मती शिमला देवी पत्नी राम सहाय यादव से श्री राम बालक यादब पुत्र श्री शंकर लाल निवासी अली नगर सुनहरा की मध्यस्थता में खरीदी गयी और इस रोड का बिबाद पूर्व में प्रार्थिनी और भू स्वामिनी के बीच में पैदा हुआ था जिसका निस्तारण एक समझौते के रूप में हुआ और वह समझौता खुद थाना-कृष्णा नगर, लखनऊ, उत्तर प्रदेश के थाना प्रभारी द्वारा दिनांक १४ अप्रैल २००५ को कराया गया जिसके गवाह श्री राम बालक यादब पुत्र श्री शंकर लाल निवासी अली नगर सुनहरा और प्रेम प्रकाश पुत्र मक्का लाल निवासी केसरीखेड़ा थे श्री मान समझौते के अनुसार १६ फ़ीट रास्ते को प्रार्थिनी किरन सिंह को दिया गया है उस पर भू स्वामिनी के सगे सम्बन्धी कभी कोई दावा नहीं करेंगे और किसी को बेचेंगे भी नहीं उसका इस्तेमाल प्रार्थिनी को करना है श्री मान जी संलग्न रिपोर्ट्स से स्पस्ट है आप कभी कहते है की प्रार्थिनी का रोड और रास्ता सुरक्षित है और कभी कहते है १५ फ़ीट रास्ता है जिस पर कमला दयाल मिट्टी फेकवाई है और दीवाल उठाई है किसके परमिशन से कमला दयाल ने ऐसा किया आप स्पस्ट करे कोई कही भी मिट्टी फेकवा देगा दीवाल उठवा देगा क्यों की वह पुलिस में उपनिरीक्षक है 
संदर्भ संख्या : 40015722058354 , दिनांक - 30 Jul 2022 तक की स्थिति आवेदनकर्ता का विवरण :शिकायत संख्या:-40015722058354 आवेदक का नाम-Kiran Singh, For more details, vide attached document to the grievance.श्री मान निस्संदेह आपका सुझाव उचित है यदि आप यह सुझाव कमला दयाल उपनिरीक्षक लोकल इंटेलिजेंस यूनिट को दिए होते क्योकि प्रार्थिनी की सड़क कब्जा करने से पहले कमला दयाल पुलिस के बजाय तहसील गई होती किन्तु उन्होंने तो पुलिस को वरीयता दी क्योकि उनकी सेटिंग तहसील में नहीं हो पायी सोचिये सम्बंधित पुलिस प्रार्थी  निजी रास्ते को कमला दयाल को पद का दुरपयोग करके रहस्य्मयी तरीके से कब्जा करा दिया अब प्रार्थिनी के तर्कसंगत प्रस्तुतीकरण से घबड़ा कर जवाब देने से भाग रही है पुलिस को मालुम होना चाहिए रास्ते में कोई बिबाद नहीं है बिबाद पुलिस द्वारा पैदा किया गया है पुलिस को यह बताना पड़ेगा किस दस्तावेज के आधार पर कमला दयाल प्रार्थिनी की रोड पर मिटटी फेकवा रही है और सबमर्सिबल पंप लगवाई है श्री मान जी भूमि पर कब्ज़ा पुलिस/अपराधिक  केस है न की सिविल/दीवानी  केस इसलिए पुलिस को भू कब्जा का मामला अपराधियों के विरुद्ध पंजीकृत करना चाहिए  जिस तरह से पुलिस द्वारा स्थिरता के साथ मूकदर्शक बन कर प्रार्थिनी के रास्ते को कब्जा कराया अब नियमानुसार प्रथम सूचना रिपोर्ट से क्यों भाग रही है क्या पुलिस कोई भी कार्य नियमानुसार न करने का मन बना लिया है सोचिये पुलिस की बिस्वसनीयता इस समय रसातल में पहुंच चुकी है कोई भी धार्मिक व्यक्ति पुलिस की नौकरी क्या पुलिस से परहेज करता है श्री मान जी पुलिस क्यों प्रकरण से भाग रही है क्योकि जानती है की यदि प्रकरण की जांच की तो पंडोरा बॉक्स खुल जाएगा और खुछ घूसखोर साथी बेइज्जत हो जायेगे यही कटु सत्य है श्री मान जी सरकार द्वारा अच्छी खासी तनख्वाह ऑफिस में बैठ कर पोर्टल पर आख्या लगाने के लिए  दी जाती है बल्कि मामले का तार्किक अन्वेषण हेतु दिया जाता है यहां तो पुलिस ने स्थलीय निरीक्षण तक नहीं किया और प्रार्थिनी की और से प्रस्तुत मोबाइल फ़ोन से भी सत्यता का परीक्षण करने का प्रयास नहीं किया गया इससे बड़ी कर्तव्य शिथिलता क्या हो सकती है ईमानदारी किसी के दबाव में नहीं पैदा होती है बल्कि यह ईश्वर प्रदत्त अच्छे संस्कारों से आती है जो की स्पस्ट है  Sir, undoubtedly your suggestion is justified if you would have given this suggestion to Kamala Dayal Sub-Inspector Local Intelligence Unit because  Kamla Dayal would have  gone to Tehsil instead of police before taking possession of the road, but she gave preference to the police because of her setting could not be done in Tehsil. Concerned Police has occupied the private road applicant in a mysterious manner by misusing the position for offender Kamla Dayal.The police will have to tell on the basis of which document Kamla Dayal is throwing soil on the road of the applicant and has installed a submersible pump.Police occupying land for Kamla Dayal. 
यह कहावत यहा पूर्ण रूप से चरितार्थ हो रही है नौ सौ चूहे खा कर बिल्ली हज को चली श्र
Grievance Document
Current Status
Case closed
Date of Action
11/08/2022
Remarks
जाँचकर्ता की आख्या मूलरूप से पोर्टल पर अवलोकनार्थ सादर सेवा में प्रेषित है अनुमोदित श्रीमान जी जांचोपरांत आख्या सादर सेवा मे प्रेषित है कृपया संलग्नक प्राप्त करे श्रीमान जी जांचोपरांत आख्या सादर सेवा मे प्रेषित है कृपया संलग्नक प्राप्त करे
Reply Document
Rating
Poor
Rating Remarks
Think about the credibility of the police report submitted by the concerned officer of the chief minister office.It was obligatory duty of the concerned police staff to immediately stop the construction work carried out by the sub inspector Kamala Dayal and then they had to suggest her if she was interested to revamp the road of the applicant, then she had to take the permission of the applicant or she had to take shelter of department of revenue. मुख्यमंत्री कार्यालय के संबंधित अधिकारी द्वारा प्रस्तुत पुलिस रिपोर्ट की विश्वसनीयता के बारे में सोचें संबंधित पुलिस कर्मचारियों का यह अनिवार्य कर्तव्य था कि वे उप निरीक्षक कमला दयाल द्वारा किए गए निर्माण कार्य को तुरंत रोकें होते और फिर उन्हें सुझाव देना था  कि यदि वह आवेदक की सड़क को सुधारने के लिए इच्छुक है , उन्हे  आवेदक की अनुमति लेनी थी  या उन्हें  राजस्व विभाग का आश्रय लेना था अपनी अधिकारिता सिद्ध करने के लिए  Now it is the duty of the police to demolish the constructed wall and vacate the disputed site from the submersible pump
Officer Concerns To
Officer Name
Shri Bhaskar Pandey (Joint Secretary)
Organisation name
Government of Uttar Pradesh
Contact Address
Chief Minister Secretariat , Room No. 321, U.P. Secretariat, Lucknow
Email Address
bhaskar.12214@gov.in
Contact Number
05222226350
Beerbhadra Singh

To write blogs and applications for the deprived sections who can not raise their voices to stop their human rights violations by corrupt bureaucrats and executives.

2 Comments

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  1. मुख्यमंत्री कार्यालय के संबंधित अधिकारी द्वारा प्रस्तुत पुलिस रिपोर्ट की विश्वसनीयता के बारे में सोचें संबंधित पुलिस कर्मचारियों का यह अनिवार्य कर्तव्य था कि वे उप निरीक्षक कमला दयाल द्वारा किए गए निर्माण कार्य को तुरंत रोकें होते और फिर उन्हें सुझाव देना था कि यदि वह आवेदक की सड़क को सुधारने के लिए इच्छुक है , उन्हे आवेदक की अनुमति लेनी थी या उन्हें राजस्व विभाग का आश्रय लेना था अपनी अधिकारिता सिद्ध करने के लिए Now it is the duty of the police to demolish the constructed wall and vacate the disputed site from the submersible pump

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  2. It is quite obvious that credibility of the police in the Government of Uttar Pradesh has reached to nadir quite obvious from the corrupt working style of the police in the state of Uttar Pradesh. Every report submitted by the police is based on the concocted story made by the concerned staff of the police. Private road of the applicant is being used by the police officers who have purchased the plot from the other landlord.

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