Dinesh Pratap Singh sought action against wrongdoer police personnel and land grabber Aradhana Singh from police commissioner Lucknow

 







संदर्भ संख्या : 40015722045420 , दिनांक - 17 Jun 2022 तक की स्थिति

आवेदनकर्ता का विवरण :

शिकायत संख्या:-40015722045420

आवेदक का नाम-Dinesh Pratap Singhविषय-Aradhana Singh/Anuradha Singh/Guddi directed by Lucknow bench of High court of Judicature at Allahabad to seek civil remedy to decide title dispute, how can police and lower court proceed through Cr.P.C. to send Dinesh Pratap Singh jail and wife and daughter may be fabricated under false charges.  आराधना सिंह/अनुराधा सिंह/गुड्डी को इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ खंडपीठ द्वारा स्वामित्व विवाद का निर्णय करने के लिए दीवानी उपचार की मांग करने का निर्देश दिया गया , पुलिस और निचली अदालत सीआरपीसी के माध्यम से कैसे आगे बढ़ सकती है परिणाम स्वरूप  दिनेश प्रताप सिंह को जेल भेज कर उनकी पत्नी और बेटी को झूठे आरोप में फंसाया गया है  यह जिला जज लखनऊ का प्रेक्षण है दिनेश प्रताप सिंह के अपीली प्राथना पत्र पर प्रार्थी द्वारा दिनांक १३ अक्टूबर २०१९ को जिला जज लखनऊ को प्रेषित प्रत्यावेदन / कम्युनिकेशन के सम्बन्ध में सूचना मांगी गयी है की छाया प्रति संलग्नक दो के रूप में इस अपील मेमो के साथ प्रस्तुत की गयी है जिसके परिशीलन से स्पस्ट होता है उक्त प्रत्यावेदन माननीय उच्च न्यायालय द्वारा रिट याचिका संख्या १३५/२००६ आराधना सिंह जरिये सचिव होम डिपार्टमेंट उत्तर प्रदेश शासन लखनऊ में पारित आदेश दिनांक ०७ मार्च २००६ के तारतम्य में प्रस्तुत किया गया है याचिका में माननीय न्यायालय ने आराधना सिंह उर्फ गुड्डी द्वारा प्रस्तुत हैबियस कारपस याचिका को आदेश में दिए गए प्रेक्षण के साथ अंतिम रूप से निस्तारित किया है इसमें माननीय न्यायालय ने सम्बंधित आराधना सिंह द्वारा प्रस्तुत आधारों पर इसे अबैध परिरोध का प्रकरण नहीं पाया और यह आदेश पारित किया कि  याची को घर से बाहर जाने की अनुमति रहेगी और वहा प्रत्यर्थी संख्या ४ ता ७ दरवाजे के लॉक को खोलेंगे ताकि वह उपयुक्त अनुतोष के लिए बाहर आ सके Locks of rooms were broken and household articles were looted and the house was grabbed with the help of Lucknow police but not revealing name.  कमरों के ताले तोड़ दिए गए और घर का सामान लूट लिया गया और लखनऊ पुलिस की मदद से घर पर कब्जा कर लिया गया लेकिन नाम का खुलासा नहीं किया गया  प्रार्थी के पांचवे बिंदु की सूचना में उस कार्मिक का पद और पोस्ट पूछा गया जो प्रार्थी के कब्जे में उस समय तक जो जमीन और मकान था प्रार्थी के जेल जाने के बाद और प्रार्थी के परिवार के पुलिस के भय से आतंकित होकर हटने के उपरांत कमरों के ताले तोड़ दिए गए और घर का सामान लूट लिया गया और लखनऊ पुलिस की मदद से घर पर कब्जा कर लिया गया लेकिन नाम का खुलासा नहीं किया गया डॉक्टर अर्चना सिंह सहायक पुलिस आयुक्त कैंट लखनऊ क्या यह बताएगी उपरोक्त आपराधिक कृत्य को किसने अंजाम दिया श्री मान जी क्या लखनऊ पुलिस प्रार्थी को यह बताएगी की किसके आदेश से आराधना सिंह/अनुराधा सिंह/गुड्डी प्रार्थी के घर और जमीन पर कब्जा किया क्योकि प्रार्थी और अनुराधा सिंह के बीच अभी तक कोई टाइटल बिबाद निर्णीत नहीं हुआ है जहा तक प्रार्थी का संज्ञान है प्रार्थी के चौथे  बिंदु की सूचना में यह पूछा गया की उस कारण को बताया जाय जिसके वजह से पुलिस द्वारा माननीय उच्च न्यायालय इलाहाबाद की लखनऊ पीठ के समक्ष जाली दस्तावेज प्रस्तुत किये प्रतिवादी गृह सचिव, पुलिस आयुक्त और थाना आशियाना की और से और बाद में उस डॉक्यूमेंट को थाना आशियाना जाली कह कर प्रार्थी को जेल भेज दिया और टाइटल बिबाद को अपने भ्र्ष्टाचार रुपी आराजकता से हल कर दिया आप द्वारा उपरोक्त में यह सूचना प्रदान की गई माननीय उच्च न्यायालय द्वारा खुद ही अपने समक्ष पुलिस द्वारा प्रस्तुत डाक्यूमेंट्स को जाली घोषित किया गया जो पूर्ण रूप से आधारहीन है श्री मान जी अनुराधा सिंह और सम्बंधित पुलिस कर्मियों के विरुद्ध घर पर कब्ज़ा करने और कमरे का ताला तोड़ कर सामान लूटने  और आपराधिक खड्यंत्र का मामला दर्ज किया जाय  श्री मान जी को ज्ञात हो यदि टाइटल डिस्प्यूट है तो बिना टाइटल बिबाद हल कराये यदि पार्टी गलत तरीके से रजिस्ट्री करा भी ले तो वह रजिस्ट्री रद  मानी जाती है माननीय उच्च न्यायालय द्वारा पारित आदेश संलग्न है 

विभाग -पुलिसशिकायत श्रेणी -

नियोजित तारीख-24-06-2022शिकायत की स्थिति-

स्तर -थाना स्तरपद -थानाध्‍यक्ष/प्रभारी नि‍रीक्षक

प्राप्त रिमाइंडर-

प्राप्त फीडबैक -दिनांक को फीडबैक:-

फीडबैक की स्थिति -

संलग्नक देखें -Click here

नोट- अंतिम कॉलम में वर्णित सन्दर्भ की स्थिति कॉलम-5 में अंकित अधिकारी के स्तर पर हुयी कार्यवाही दर्शाता है!

अग्रसारित विवरण :

क्र.स. सन्दर्भ का प्रकार आदेश देने वाले अधिकारी प्राप्त/आपत्ति दिनांक नियत दिनांक अधिकारी को प्रेषित आदेश स्थिति

1 अंतरित ऑनलाइन सन्दर्भ 17-06-2022 24-06-2022 थानाध्‍यक्ष/प्रभारी नि‍रीक्षक-आशियाना,जनपद-लखनऊ,पुलिस अनमार्क



जनसुनवाई

समन्वित शिकायत निवारण प्रणाली, उत्तर प्रदेश

सन्दर्भ संख्या:-  40015722045420

लाभार्थी का विवरण

नाम Dinesh Pratap Singh पिता/पति का नाम Angad Prasad Singh

मोबइल नंबर(१) 9838919619 मोबइल नंबर(२)

आधार कार्ड न. ई-मेल myogimpsingh@gmail.com

पता Mohalla Surekapuram,Lakshmi Narayan Baikunth Mahadev Mandir Jabalpur Road District Mirzapur, PIN Code 231001

आवेदन पत्र का ब्यौरा

आवेदन पत्र का संक्षिप्त ब्यौरा Aradhana Singh/Anuradha Singh/Guddi directed by Lucknow bench of High court of Judicature at Allahabad to seek civil remedy to decide title dispute, how can police and lower court proceed through Cr.P.C. to send Dinesh Pratap Singh jail and wife and daughter may be fabricated under false charges.  आराधना सिंह/अनुराधा सिंह/गुड्डी को इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ खंडपीठ द्वारा स्वामित्व विवाद का निर्णय करने के लिए दीवानी उपचार की मांग करने का निर्देश दिया गया , पुलिस और निचली अदालत सीआरपीसी के माध्यम से कैसे आगे बढ़ सकती है परिणाम स्वरूप  दिनेश प्रताप सिंह को जेल भेज कर उनकी पत्नी और बेटी को झूठे आरोप में फंसाया गया है  यह जिला जज लखनऊ का प्रेक्षण है दिनेश प्रताप सिंह के अपीली प्राथना पत्र पर प्रार्थी द्वारा दिनांक १३ अक्टूबर २०१९ को जिला जज लखनऊ को प्रेषित प्रत्यावेदन / कम्युनिकेशन के सम्बन्ध में सूचना मांगी गयी है की छाया प्रति संलग्नक दो के रूप में इस अपील मेमो के साथ प्रस्तुत की गयी है जिसके परिशीलन से स्पस्ट होता है उक्त प्रत्यावेदन माननीय उच्च न्यायालय द्वारा रिट याचिका संख्या १३५/२००६ आराधना सिंह जरिये सचिव होम डिपार्टमेंट उत्तर प्रदेश शासन लखनऊ में पारित आदेश दिनांक ०७ मार्च २००६ के तारतम्य में प्रस्तुत किया गया है याचिका में माननीय न्यायालय ने आराधना सिंह उर्फ गुड्डी द्वारा प्रस्तुत हैबियस कारपस याचिका को आदेश में दिए गए प्रेक्षण के साथ अंतिम रूप से निस्तारित किया है इसमें माननीय न्यायालय ने सम्बंधित आराधना सिंह द्वारा प्रस्तुत आधारों पर इसे अबैध परिरोध का प्रकरण नहीं पाया और यह आदेश पारित किया कि  याची को घर से बाहर जाने की अनुमति रहेगी और वहा प्रत्यर्थी संख्या ४ ता ७ दरवाजे के लॉक को खोलेंगे ताकि वह उपयुक्त अनुतोष के लिए बाहर आ सके Locks of rooms were broken and household articles were looted and the house was grabbed with the help of Lucknow police but not revealing name.  कमरों के ताले तोड़ दिए गए और घर का सामान लूट लिया गया और लखनऊ पुलिस की मदद से घर पर कब्जा कर लिया गया लेकिन नाम का खुलासा नहीं किया गया  प्रार्थी के पांचवे बिंदु की सूचना में उस कार्मिक का पद और पोस्ट पूछा गया जो प्रार्थी के कब्जे में उस समय तक जो जमीन और मकान था प्रार्थी के जेल जाने के बाद और प्रार्थी के परिवार के पुलिस के भय से आतंकित होकर हटने के उपरांत कमरों के ताले तोड़ दिए गए और घर का सामान लूट लिया गया और लखनऊ पुलिस की मदद से घर पर कब्जा कर लिया गया लेकिन नाम का खुलासा नहीं किया गया डॉक्टर अर्चना सिंह सहायक पुलिस आयुक्त कैंट लखनऊ क्या यह बताएगी उपरोक्त आपराधिक कृत्य को किसने अंजाम दिया श्री मान जी क्या लखनऊ पुलिस प्रार्थी को यह बताएगी की किसके आदेश से आराधना सिंह/अनुराधा सिंह/गुड्डी प्रार्थी के घर और जमीन पर कब्जा किया क्योकि प्रार्थी और अनुराधा सिंह के बीच अभी तक कोई टाइटल बिबाद निर्णीत नहीं हुआ है जहा तक प्रार्थी का संज्ञान है प्रार्थी के चौथे  बिंदु की सूचना में यह पूछा गया की उस कारण को बताया जाय जिसके वजह से पुलिस द्वारा माननीय उच्च न्यायालय इलाहाबाद की लखनऊ पीठ के समक्ष जाली दस्तावेज प्रस्तुत किये प्रतिवादी गृह सचिव, पुलिस आयुक्त और थाना आशियाना की और से और बाद में उस डॉक्यूमेंट को थाना आशियाना जाली कह कर प्रार्थी को जेल भेज दिया और टाइटल बिबाद को अपने भ्र्ष्टाचार रुपी आराजकता से हल कर दिया आप द्वारा उपरोक्त में यह सूचना प्रदान की गई माननीय उच्च न्यायालय द्वारा खुद ही अपने समक्ष पुलिस द्वारा प्रस्तुत डाक्यूमेंट्स को जाली घोषित किया गया जो पूर्ण रूप से आधारहीन है श्री मान जी अनुराधा सिंह और सम्बंधित पुलिस कर्मियों के विरुद्ध घर पर कब्ज़ा करने और कमरे का ताला तोड़ कर सामान लूटने  और आपराधिक खड्यंत्र का मामला दर्ज किया जाय  श्री मान जी को ज्ञात हो यदि टाइटल डिस्प्यूट है तो बिना टाइटल बिबाद हल कराये यदि पार्टी गलत तरीके से रजिस्ट्री करा भी ले तो वह रजिस्ट्री रद  मानी जाती है माननीय उच्च न्यायालय द्वारा पारित आदेश संलग्न है 

संदर्भ दिनांक 17-06-2022 पूर्व सन्दर्भ(यदि कोई है तो) 0,0

विभाग गृह एवं गोपन शिकायत श्रेणी एफ0आई0आर0 दर्ज करना

लाभार्थी का विवरण/शिकायत क्षेत्र का

शिकायत क्षेत्र का पता जिला- लखनऊ

Beerbhadra Singh

To write blogs and applications for the deprived sections who can not raise their voices to stop their human rights violations by corrupt bureaucrats and executives.

2 Comments

Whatever comments you make, it is your responsibility to use facts. You may not make unwanted imputations against any body which may be baseless otherwise commentator itself will be responsible for the derogatory remarks made against any body proved to be false at any appropriate forum.

  1. श्री मान जी अनुराधा सिंह और सम्बंधित पुलिस कर्मियों के विरुद्ध घर पर कब्ज़ा करने और कमरे का ताला तोड़ कर सामान लूटने और आपराधिक खड्यंत्र का मामला दर्ज किया जाय श्री मान जी को ज्ञात हो यदि टाइटल डिस्प्यूट है तो बिना टाइटल बिबाद हल कराये यदि पार्टी गलत तरीके से रजिस्ट्री करा भी ले तो वह रजिस्ट्री रद मानी जाती है माननीय उच्च न्यायालय द्वारा पारित आदेश संलग्न है

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  2. Lucknow police did not provide any information to the information seeker which reflects the lawlessness in the working of the Lucknow police which must be corrected by the accountable public functionaries in the state of Uttar Pradesh.

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