Undoubtedly to handover job of investigation from Jitendra Dubey to Anand Kumar Varma is a welcome step Ashutosh Kumar Singh

 


संदर्भ संख्या : 40015721046021 , दिनांक - 02 Aug 2021 तक की स्थिति

आवेदनकर्ता का विवरण :

शिकायत संख्या:-40015721046021

आवेदक का नाम-Ashutosh Singhविषय-According to sub-inspector Jitendra Dubey, Case number 164/2021 is registered at police station Haja under section 352 and 427 of the Indian Penal Code. Progress of investigation of case by sub-inspector Jitendra Dubey which was handed over to him is zero, but two other cases not registered by Sarojini Nagar police and not investigated by any officer closed by Jitendra Dubey in Air having no ground reality. Not a single point of information could be made available by the aforementioned inspector. Provide the reason for not lodging F.I.R. in the third and fourth successive criminal activities by the criminal elements. First goons in the group of 15 equipped with weapons committed premises trespass and threatened to kill information seeker with hurling abuses, thereafter again made attempt to murder information seeker. Please provide the reason for not lodging F.I.R. as the police concerned are informed regarding attempt to murder information seeker by gangsters.श्री मान पुलिस उपनिरीक्षक जीतेन्द्र दूबे जी आप को आंग्ल भाषा तो आती नहीं है इसलिए सिर्फ आप इतना बताये की जिस केस का आपने पूर्व में जिक्र किया है अर्थात २३/०३/२०२१ की घटना जिसमे विवेचक द्वारा आरोप पत्र न्यायालय में प्रेषित किया जा चुका है किन्तु आप द्वारा हर बार सिर्फ यह लिखा जाता है की विवेचना प्रचलित है अर्थात आप की कार्यशैली संदिग्ध है क्योकि आप टाल मटोल करके केस को कमजोर कर रहे है क्या आप लैटिन maxim न्याय में देरी न्याय से इंकार है परिचित नहीं है श्री मान जी आप किसी बालक को जितनी बार मारेंगे उतनी बार रोयेगा और रोना जन्मजात अधिकार है क्या आप इस प्राकृतिक अधिकार को आप प्रार्थी से छीनना चाहते है यदि प्रार्थी पर तीसरी और चौथी बार जान लेवा हमले का प्रयास किया गया तो आप कैसे कह सकते है की प्रार्थी किसी बात को बढ़ा चढ़ा कर कह रहा है या आप का यह आरोप की प्रार्थी सरकारी कार्य में बाधा डाल रहा है क्या प्रार्थी को धमकाने की सोची समझी साजिश नहीं है जब की आप सरकार के वेतन भोगी कर्मचारी है और आप का कर्तव्य है की आप शिकायतों का गुणवत्ता पूर्ण निस्तारण करे यहां गुणवत्ता की तो बात दूर है आप ने कभी विषय वस्तु को पढ़ा ही नहीं जनसूचना अधिकार २००५ के तहत भी आपने कोई सूचना नहीं उपलब्ध कराइ है जिससे हमें प्रथम अपील प्रस्तुत करना पड़ा सुझाव है आप आंग्ल भाषा का ज्ञान ले अन्यथा उन शिकायतों का निस्तारण न करे जो आंग्ल भाषा में हो

विभाग -पुलिसशिकायत श्रेणी -

नियोजित तारीख-01-08-2021शिकायत की स्थिति-

स्तर -क्षेत्राधिकारी स्तरपद -क्षेत्राधिकारी / सहायक पुलिस आयुक्त

प्राप्त रिमाइंडर-

प्राप्त फीडबैक -दिनांक को फीडबैक:-

फीडबैक की स्थिति -

संलग्नक देखें -Click here

नोट- अंतिम कॉलम में वर्णित सन्दर्भ की स्थिति कॉलम-5 में अंकित अधिकारी के स्तर पर हुयी कार्यवाही दर्शाता है!

अधीनस्थ द्वारा प्राप्त आख्या :

क्र.स. सन्दर्भ का प्रकार आदेश देने वाले अधिकारी आदेश/आपत्ति दिनांक आदेश/आपत्ति आख्या देने वाले अधिकारी आख्या दिनांक आख्या स्थिति संलगनक

1 अंतरित ऑनलाइन सन्दर्भ 02-07-2021 क्षेत्राधिकारी / सहायक पुलिस आयुक्त-क्षेत्राधिकारी कृष्णा नगर ,जनपद-लखनऊ 09-07-2021 अधीनस्थ अधिकारी के स्तर पर निस्तारित निक्षेपित

2 अंतरित क्षेत्राधिकारी / सहायक पुलिस आयुक्त (पुलिस ) 02-07-2021 कृपया उपरोक्त सबंध में तत्काल नियमानुसार कार्यवाही कर कृत कार्यवाही से अवगत कराने का कष्ट करें थानाध्‍यक्ष/प्रभारी नि‍रीक्षक-सरोजनी नगर,जनपद-लखनऊ,पुलिस 09-07-2021 श्रीमान जी आख्या सादर सेवा में प्रेषित है । निस्तारित

Beerbhadra Singh

To write blogs and applications for the deprived sections who can not raise their voices to stop their human rights violations by corrupt bureaucrats and executives.

2 Comments

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  1. आप का यह आरोप की प्रार्थी सरकारी कार्य में बाधा डाल रहा है क्या प्रार्थी को धमकाने की सोची समझी साजिश नहीं है जब की आप सरकार के वेतन भोगी कर्मचारी है और आप का कर्तव्य है की आप शिकायतों का गुणवत्ता पूर्ण निस्तारण करे यहां गुणवत्ता की तो बात दूर है आप ने कभी विषय वस्तु को पढ़ा ही नहीं जनसूचना अधिकार २००५ के तहत भी आपने कोई सूचना नहीं उपलब्ध कराइ है जिससे हमें प्रथम अपील प्रस्तुत करना पड़ा सुझाव है आप आंग्ल भाषा का ज्ञान ले अन्यथा उन शिकायतों का निस्तारण न करे जो आंग्ल भाषा में हो

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  2. सोचिए सरकारी नौकर हैं फिर भी इतना घमंड है हर किसी को अपने से नीचे समझते हैं कोई रिक्वेस्ट कर रहा है तो उसे भी अपने कार्य में हस्तक्षेप समझते हैं क्यों क्या कोई न्याय की बात नहीं कर सकता और यदि न्याय की बात करें तो वह सरकारी कार्य में बाधा कैसे हुआ अरे तुम्हारा कार्य ही लोगों को न्याय दिलाना है इसीलिए सरकार तुम्हें तनख्वाह देती है

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