Chief minister must pay heed to grievances concerning wide public interest as chief medical officer is not interested to entertain grievances



 संदर्भ संख्या : 40019923008848 , दिनांक - 29 Apr 2023 तक की स्थिति

आवेदनकर्ता का विवरण :

शिकायत संख्या:-40019923008848

आवेदक का नाम-Yogi M. P. Singh

विषय-An inquiry under Article 51A of the constitution of India in the matter concerning wide public interest. The work concerning the ultrasound of the patients has been paralyzed in the divisional hospital, Hazrat imam Yusuf hospital Mirzapur. If the problems are being faced for many days what is the cause of not taking action by the concerned accountable staff? The most important question is whether this problem happened automatically or if it has been created by the concerned staff deliberately to provide the benefits to the private players. How many staff of the department are indulged in this practice? Whether it is not showing the laxity on the part of the concerned accountable staff who are monitoring the activities of the subordinates in divisional hospital Mirzapur. There is need to carry out the transparent and accountable enquiry into the matter concerning wide public interest and may not be overlooked this serious matter as required under law. Such bad practices must be stopped at any cost which are causing hardships to the vulnerable section of the society ipso facto obvious from the media report. 

अस्पताल में डिजिटल एक्सरे प्लेट खत्म संवाद न्यूज एजेंसी मिर्जापुर। मंडलीय अस्पताल में अल्ट्रासाउंड नहीं होने से यहां आने वाले मरीजों समस्या का सामना करना पड़ रहा है। दो माह से मंडलीय अस्पताल में अल्ट्रा साउंड भी बंद है और अब डिजिटल एक्सरे प्लेट भी खत्म हो गया है। अल्ट्रा साउंड के लिए मरीजों को निजी डायग्नोस्टिक सेंटर जाने के लिए विवश होना पड़ रहा है। फिलहाल डिजिटल एक्स-रे प्लेट खत्म होने पर पुराने मशीन से एक्सरे कार्य हो रहा है। जिला महिला अस्पताल में पिछले दो वर्ष से अधिक समय से रेडियोलाजिस्ट न होने से अल्ट्रासाउंड नहीं हो रहा है। मंडलीय अस्पताल में दो-चार महीने अल्ट्रासाउंड होता है। फिर डॉक्टर की कमी से यहां भी अल्ट्रासाउंड बंद हो जाता है। मंडलीय अस्पताल में यह व्यवस्था दो वर्ष से चली आ रही है। मंडलीय अस्पताल में अल्ट्रासाउंड होने से जिला महिला अस्पताल की गर्भवती महिलाओं को भी इसका लाभ मिलता था, परंतु इधर दो माह से मंडलीय अस्पताल में अल्ट्रासाउंड नहीं हो रहा है। मंडलीय अस्पताल में दो माह से अधिक समय से अल्ट्रासाउंड बंद इसके चलते लोगों को निजी डायग्नोस्टिक सेंटर जाने के लिए विवश होना पड़ रहा है। रेडियोलाजिस्ट के अभाव में मारपीट के मामलों में रिपोर्ट नहीं लग पाने के कारण उनका एक्सरे भी नहीं होता था । उनको भदोही अथवा अन्य जनपद भेजा जाता है। एक समस्या खत्म भी नहीं हुई थी कि नई समस्या पैदा हो गई है। मंडलीय अस्पताल के डिजिटल निबरे का इन्तजार प एक्सरे कराने मंडलीय अस्पताल आए तो पता चला कि डिजिटल एक्सरे नहीं हो रहा है। इसके बाद मैनुअल एक्सरे कराया गया।- अरुण कुमार मंडलीय अस्पताल में बंद पड़ा डिजिटल एक्सरे कक्ष | संवाद एक्सरे की प्लेट भी खत्म हो गई है। इसके चलते बुधवार को डिजिटल एक्सरे भी बंद हो गया। लोगों को पुराने एक्सरे मशीन में एक्सरे कराना पड़ा। इससे लोगों की भीड़ लगी रही। वहीं डॉक्टर पुरानी मशीन के एक्सरे को नहीं मानते तो लोगों को बाहर जाकर डिजिटल एक्सरे कराना पड़ रहा है। कुछ दिन पहले निरीक्षण के दौरान प्राचार्य डॉ. आरबी कमल ने डिजिटल एक्सरे के स्टाक का लेखा-जोखा मांगा था। जो नहीं मिल सका। इस पर उन्होंने संबंधित कर्मी को फटकार लगाई थी। साथ ही एक्सरे फिल्म काट कर न देने को भी कहा था। डिजिटल एक्सरे से समस्या का पता चल जाता है। अस्पताल में डिजिटल एक्सरे प्लेट नहीं होने से डिजिटल एक्सरे नहीं हो सका। विजय रजनी इस मामले की जांच कराई जा रही है कि कितने लोगों का एक्सरे हुआ और कितनी एक्सरे प्लेट आई थी। डिजिटल एक्सरे प्लेट खत्म होने पर डिमांड भेज कर मंगाया जाएगा। फिलहाल मैनुअल एक्सरे कराया जा रहा है। रेडियोलाजिस्ट के न आने के बारे में शासन को अवगत कराया जाएगा। - डॉ. अरविंद सिंह, प्रमुख चिकित्सा अधीक्षक, मंडलीय अस्पताल।

Department -चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याणComplaint Category -

नियोजित तारीख-12-05-2023शिकायत की स्थिति-

Level -जनपद स्तरPost -मुख्य चिकित्साधिकारी

प्राप्त रिमाइंडर-

प्राप्त फीडबैक -दिनांक29-04-2023 को फीडबैक:-

महोदय यह बहुत ही दुर्भाग्य की बात है कि प्रकरण में प्रार्थी द्वारा सही विकल्प का चुनाव किया गया है किंतु जिन की बात मुख्य चिकित्सा अधिकारी मिर्जापुर कर रहे हैं वह तो पोर्टल पर हैं ही नहीं श्रीमान जी यह बहुत ही दुखद बात है कि लोक जनहित से संबंधित प्रकरण को इस धन से लापरवाही द्वारा हल किया जा रहा है जो किसी भी तरह से औचित्य पूर्ण नहीं हो सकता है श्रीमान जी कहीं ना कहीं कोई न कोई कमी तो जरूर है जिसके कारण उस व्यक्ति का नाम लेकर प्रकरण को बंद किया जा रहा है जोकि ऑनलाइन उपलब्ध ही नहीं है फिर जनसुनवाई पोर्टल का महत्व ही क्या है क्योंकि जनसुनवाई पोर्टल पर 50 परसेंट से ज्यादा शिकायतें तो ऐसी हैं जिनको विंध्यवासिनी कॉलेज के प्राचार्य द्वारा ही हल किया जा सकता है और वह पोर्टल पर है ही नहीं श्रीमान जी हजरत इमाम युसूफ पास मंडलीय अस्पताल महिला अस्पताल महिला चाइल्ड रिंग सभी तो प्राचार्य विंध्यवासिनी कालेज के अंतर्गत आते हैं जब मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य ही इन सब को हल करेंगे तो पोर्टल पर रिसीव की गई सभी समस्याओं को उनके यहां भेजना चाहिए ना कि मुख्य चिकित्सा अधिकारी मिर्जापुर को श्रीमान जी प्रकरण को मुख्य चिकित्सा अधिकारी मिर्जापुर को नहीं भेजा गया है प्रकरण को तो संयुक्त चिकित्सालय मिर्जापुर में भेजा गया है मंडली अस्पताल मिर्जापुर में भेजा गया है किंतु मंडली अस्पताल के जितने भी प्रकरण हैं उनको मुख्य चिकित्सा अधिकारी भेजकर यही रट आया रिपोर्ट लगाया जाता है जो किसी भी तरह से मानक के अनुसार नहीं है हमें न्याय चाहिए और न्याय हमें तभी मिलेगा जब हमारी सरकार हमारी व्यवस्थाओं के प्रति संवेदनशील होंगे सरकार की कार्यशैली में पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित होगी किंतु ऐसा नहीं हो रहा है और क्यों नहीं हो रहा है यह सभी जानते हैं महोदय यह स्पष्ट है कि गवर्मेंट हॉस्पिटल का अल्ट्रासाउंड इसलिए बेकार किया गया है जिससे कि मरीज बाहर जाकर अल्ट्रासाउंड कराएं और उसका कमीशन डॉक्टरों को मिलता रहे यह बहुत बड़े भ्रष्टाचार का हिस्सा है और यह भ्रष्टाचार हर सूरत में दूर होना चाहिए देखिए महिला चाइल्ड विंग पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप पर आधारित है उसका उपयोग सिर्फ इसलिए किया जाता है कि वहां पर आए मरीजों को संबंधित प्राइवेट नर्सिंग होम और क्लीनिक क्लीनिक में भेजा जा सके जिससे उनसे मोटी रकम वसूली जाए और इन सब बातों की जब शिकायत होती है तो उन्हें मनमाना रिपोर्ट लगाकर सिर्फ इन्हीं महोदय के नाम पर बंद कर दिया जाता है की प्राचार्य महोदय इस मामले को देखेंगे आप उनसे मिलिए और प्राचार्य महोदय तो ऑफलाइन है ना उनसे मिलना इतना आसान नहीं है और उनसे नहीं मिलेगा व्यक्ति वहां भ्रष्टाचार जारी रहेगा उस भ्रष्टाचार पर कोई अंकुश लगाने वाला नहीं है श्रीमान जी कुछ ऐसा करें जिससे वहां पर व्याप्त भ्रष्टाचार और अराजकता दूर हो सके गरीबों न्याय वंचितों को न्याय मिले गरीबों का भी उचित ढंग से इलाज हो गांव से आया हुआ गरीब जब ₹40000 देना पड़ेगा छोटे से मर्ज के लिए तो क्या इलाज करेगा वह तो ईश्वर को ही प्यारा होगा महोदय गवर्मेंट हॉस्पिटल इस समय इलाज नहीं कर रहा है बल्कि अमीरों के इनकम का स्रोत बन रहा है जिसे हर हालत में रोका जाना चाहिए

फीडबैक की स्थिति -

संलग्नक देखें -Click here

नोट- अंतिम कॉलम में वर्णित सन्दर्भ की स्थिति कॉलम-5 में अंकित अधिकारी के स्तर पर हुयी कार्यवाही दर्शाता है!

अधीनस्थ द्वारा प्राप्त आख्या :

क्र.स. सन्दर्भ का प्रकार आदेश देने वाले अधिकारी अग्रसारित दिनांक आदेश आख्या देने वाले अधिकारी आख्या दिनांक आख्या स्थिति आपत्ति देखे संलगनक

1 अंतरित ऑनलाइन सन्दर्भ 27-04-2023 मुख्य चिकित्साधिकारी-मिर्ज़ापुर,चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण 28-04-2023 AKHYA SANLAGN HAI निस्तारित

Beerbhadra Singh

To write blogs and applications for the deprived sections who can not raise their voices to stop their human rights violations by corrupt bureaucrats and executives.

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