Labour officer overlooking the matter of non-payment of 29 months salary of Satyendra Singh by D.F.O. Gorakhpur because of corruption





 

संदर्भ संख्या : 40018822045568, दिनांक - 09 Nov 2022 तक की स्थिति

आवेदनकर्ता का विवरण :

शिकायत संख्या:-40018822045568

आवेदक का नाम-Yogi M P Singhविषय-Whether it is justified that divisional forest officer Gorakhpur Yogi Adityanath government did not provide the salary of 29 months of Satyendra Singh working at Baki range of division Gorakhpur? Satyendra Singh is working as daily wage staff at the Baki range since more than 15 years. If the service has been taken by the department of forest, then why divisional forest officer is hatching conspiracy of not providing salary to the staff. Mobile number of Satyendra Singh -9918646162 सोचिए 29 महीने की सैलरी सत्येंद्र सिंह की प्रभागीय वन अधिकारी गोरखपुर द्वारा नहीं दिया गया जो कि मानवाधिकार का उल्लंघन है किंतु उनके विरुद्ध कार्यवाही कौन कर सकता है किंतु तनख्वाह तो मिलनी चाहिए जैसे लगता है यहां पर तानाशाह का शासन है लोकतंत्र है ही नहीं सोचिए सेवा ले लेंगे और तनख्वाह नहीं देंगे और यह बेगारी खुद सरकार करा रही है प्रभागीय वन अधिकारी के माध्यम से कानून का शासन है ही नहीं The matter comes under the ambit of the assistant labour commissioner Gorakhpur to provide the salary of contract labourer of the department of forest division Gorakhpur working at the Baaki range of the division Gorakhpur. The matter was earlier raised by the applicant before the assistant labour commissioner Gorakhpur as follows. आवेदनकर्ता का विवरण शिकायत संख्या - 60000220025181 आवेदक का नाम-Yogi M. P. Singh आख्या जिलाधिकारी 15-03-2022 कृपया टंकित आख्या अपलोड करें, कृपया टंकित आख्या अपलोड करें। श्रम प्रवर्तन अधि‍कारी-गोरखपुर,श्रम विभाग 14-03-2022 संदर्भित शिकयत के सम्बन्ध में अवगत करना है की शिकायतकर्ता की शिकायत पर डी० एफ० ओ० गोरखपुर दूरभाष पर संपर्क कर वार्ता करने की कोशिश की गयी परन्तु संपर्क नहीं होने के कारन शिकायतकर्ता के शिकायत का निस्तारण किया जाना सम्भव नहीं हो पा रहा है ऐसी स्थिति में शिकायतकर्ता को परामर्श दिया जाता है कि यदि चाहे तो न्यूनतम वेतन के सम्बन्ध में सक्षम न्यायालय में वाद प्रस्तुत कर सकते है अस्वीकृत Please restrain divisional forest officer, Gorakhpur for blatantly misusing his power and position to violate the constitutional and human rights of Satyendra Singh provides its services to the Baki range of the Gorakhpur division. Twenty-Nine months remuneration has been withheld by the divisional forest officer according to aggrieved victim Satyendra Singh but regarding Nineteen months salary, DFO Gorakhpur is saying that whoever Area Forest Officer has taken services that must provide the service charge. For more details, vide attached document to this representation. It is evident that D.F.O. Gorakhpur is exploiting on a mass scale to vulnerable sections because he provides remuneration half of minimum wages decided by the state government itself. This reflects the dual face of the Yogi government. श्रीमान जी क्या योगी आदित्यनाथ जी की सरकार में बेबस और मजदूरों को न्याय नहीं है जिस तरह से सत्येंद्र सिंह का शोषण हो रहा है वह यह स्पष्ट कर रहा है कि प्रदेश में कानून व्यवस्था है ही नहीं कानून के शासन का स्थान जंगल राज ने ले लिया है कृपया सत्येंद्र सिंह के वेतन का भुगतान किया जाए उनका शोषण किया जाए और सामान्य जनता का विश्वास सरकार की गतिविधियों में बना रहे ऐसा प्रयास किया जाए क्योंकि तानाशाही बहुत दिनों तक नहीं चलती है इसलिए तानाशाही से दूर रहें एक तरफ जहां प्रभागीय वन अधिकारी और वन अधिकारी बाकी रेंज लाखों रुपए की तनख्वाह से भी संतुष्ट नहीं है वहीं पर सत्येंद्र सिंह को ₹5000 मासिक तनख्वाह जोकि न्यूनतम वेतन निर्धारण से भी बहुत कम है लगभग आधे है वह भी प्रभागीय वन अधिकारी देना नहीं चाहते हैं जो कि भ्रष्टाचार को दर्शाता है ऐसी गतिविधियों पर रोक लगना चाहिए

विभाग -श्रम विभागशिकायत श्रेणी -

नियोजित तारीख-12-11-2022शिकायत की स्थिति-

स्तर -जनपद स्तरपद -श्रम प्रवर्तन अधि‍कारी

प्राप्त रिमाइंडर-

प्राप्त फीडबैक -दिनांक09-11-2022 को फीडबैक:-श्रीमान जी प्रस्तुत प्रकरण उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा प्रस्तावित न्यूनतम वेतन निर्धारण के संबंध में नहीं है वल्कि  प्रकरण का संबंध 29 महीने की सैलरी के संबंध में है जिसको प्रभागीय वन अधिकारी गोरखपुर द्वारा अभी तक नहीं दिया गया है यह किसी भी प्रकार से उचित नहीं है कि सरकार किसी भी नागरिक से इस तरह का व्योहार करे और सरकारी कार्यालय उसका वेतन का भुगतान ना करें इसके लिए सीधे प्रभारी  बन अधिकारी गोरखपुर जिम्मेदार हैं और भ्रष्टाचार के कारण संबंधित अधिकारी श्रम विभाग का मामले को नजरअंदाज कर रहा है और नजरअंदाज करने का कोई अन्य कारण नहीं बल्कि सिर्फ भ्रष्टाचार है और इस तरह  की आदतें लोगों को पहले से ही पड़ी हुई है यह किसी का भी कार्य करना नहीं चाहते हैं जिसके लिए इनको नियुक्त किया गया है सोचिए इनको कौन सा लाभ है यदि सत्येंद्र सिंह को 29 महीने की सैलरी  मिले किंतु यह बिना घूस लिए कोई कार्य करना ही नहीं चाहते हैं भ्रष्टाचार के अलावा मुझे कोई अन्य कारण 29 महीने की सैलरी न देने का दिख ही नहीं रहा है और श्रम विभाग तो जानबूझकर मामले में टालमटोल कर रहा है वह ऐसी परिस्थितियां जानबूझ कर पैदा कर रहे हैं जिससे कि प्रार्थी परेशान होकर जेनुइन डिमांड को बंद कर दे जो किसी भी तरह से उचित नहीं है यहां पर न्याय व्यवस्था सिर्फ भ्रष्टाचार की वजह से पंगु बन चुकी है कृपया सुधार करें जिससे गरीबों मजदूरों को न्याय मिल सके जो आख्या श्रम अधिकारी द्वारा दिया गया है क्या भ्रष्टाचार को पोषित करने वाला नहीं है यह उनकी प्रवृत्ति बन चुकी है भ्रष्टाचार जो फैला हुआ है सिस्टम में उसी कार्यशैली की वजह से है कृपया उचित कार्यवाही की जाए और मामले में पूछताछ किया जाए लगता है संबंधित अधिकारी यह नहीं जानते कि उन्हें हर महीने मोटी तनख्वाह किस लिए दी जाती है इस ढंग से उटपटांग जवाब देना किसी तरह से उचित नहीं है

फीडबैक की स्थिति -

संलग्नक देखें -Click here

नोट- अंतिम कॉलम में वर्णित सन्दर्भ की स्थिति कॉलम-5 में अंकित अधिकारी के स्तर पर हुयी कार्यवाही दर्शाता है!

अधीनस्थ द्वारा प्राप्त आख्या :

क्र.स. सन्दर्भ का प्रकार आदेश देने वाले अधिकारी अग्रसारित दिनांक आदेश आख्या देने वाले अधिकारी आख्या दिनांक आख्या स्थिति आपत्ति देखे संलगनक

1 अंतरित ऑनलाइन सन्दर्भ 05-11-2022 श्रम प्रवर्तन अधि‍कारी-गोरखपुर,श्रम विभाग 07-11-2022 संदर्भित शिकायत के संबंध में अवगत कराना है कि शिकायतकर्ता को पूर्व में न्यूनतम वेतन से कम वेतन दिए जाने के संबंध में परामर्श दिया गया था कि यदि वह चाहें तो अपने न्यूनतम वेतन से कम भुगतान होने की स्थिथि में सक्षम न्यायालय में वाद प्रस्तुत करने का परामर्श दिया है। निस्तारित


Beerbhadra Singh

To write blogs and applications for the deprived sections who can not raise their voices to stop their human rights violations by corrupt bureaucrats and executives.

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