Yogi Adityanath Sir, how can Krishna Nagar police Lucknow dispose of grievances of Kiran Singh on Jansunwai without providing report

 संदर्भ संख्या : 40015722058984 , दिनांक - 04 Aug 2022 तक की स्थिति





Kiran Singh submitted representation in case of land grabbing against illogical conclusion of Krishna Nagar police Lucknow

आवेदनकर्ता का विवरण :

शिकायत संख्या:-40015722058984

आवेदक का नाम-Kiran Singhविषय-संदर्भ संख्या : 40015722058354 , दिनांक - 30 Jul 2022 तक की स्थिति आवेदनकर्ता का विवरण :शिकायत संख्या:-40015722058354 आवेदक का नाम-Kiran Singh, For more details, vide attached document to the grievance. श्री मान निस्संदेह आपका सुझाव उचित है यदि आप यह सुझाव कमला दयाल उपनिरीक्षक लोकल इंटेलिजेंस यूनिट को दिए होते क्योकि प्रार्थिनी की सड़क कब्जा करने से पहले कमला दयाल पुलिस के बजाय तहसील गई होती किन्तु उन्होंने तो पुलिस को वरीयता दी क्योकि उनकी सेटिंग तहसील में नहीं हो पायी सोचिये सम्बंधित पुलिस प्रार्थी निजी रास्ते को कमला दयाल को पद का दुरपयोग करके रहस्य्मयी तरीके से कब्जा करा दिया अब प्रार्थिनी के तर्कसंगत प्रस्तुतीकरण से घबड़ा कर जवाब देने से भाग रही है पुलिस को मालुम होना चाहिए रास्ते में कोई बिबाद नहीं है बिबाद पुलिस द्वारा पैदा किया गया है पुलिस को यह बताना पड़ेगा किस दस्तावेज के आधार पर कमला दयाल प्रार्थिनी की रोड पर मिटटी फेकवा रही है और सबमर्सिबल पंप लगवाई है श्री मान जी भूमि पर कब्ज़ा पुलिस/अपराधिक केस है न की सिविल/दीवानी केस इसलिए पुलिस को भू कब्जा का मामला अपराधियों के विरुद्ध पंजीकृत करना चाहिए जिस तरह से पुलिस द्वारा स्थिरता के साथ मूकदर्शक बन कर प्रार्थिनी के रास्ते को कब्जा कराया अब नियमानुसार प्रथम सूचना रिपोर्ट से क्यों भाग रही है क्या पुलिस कोई भी कार्य नियमानुसार न करने का मन बना लिया है सोचिये पुलिस की बिस्वसनीयता इस समय रसातल में पहुंच चुकी है कोई भी धार्मिक व्यक्ति पुलिस की नौकरी क्या पुलिस से परहेज करता है श्री मान जी पुलिस क्यों प्रकरण से भाग रही है क्योकि जानती है की यदि प्रकरण की जांच की तो पंडोरा बॉक्स खुल जाएगा और खुछ घूसखोर साथी बेइज्जत हो जायेगे यही कटु सत्य है श्री मान जी सरकार द्वारा अच्छी खासी तनख्वाह ऑफिस में बैठ कर पोर्टल पर आख्या लगाने के लिए दी जाती है बल्कि मामले का तार्किक अन्वेषण हेतु दिया जाता है यहां तो पुलिस ने स्थलीय निरीक्षण तक नहीं किया और प्रार्थिनी की और से प्रस्तुत मोबाइल फ़ोन से भी सत्यता का परीक्षण करने का प्रयास नहीं किया गया इससे बड़ी कर्तव्य शिथिलता क्या हो सकती है ईमानदारी किसी के दबाव में नहीं पैदा होती है बल्कि यह ईश्वर प्रदत्त अच्छे संस्कारों से आती है जो की स्पस्ट है Sir, undoubtedly your suggestion is justified if you would have given this suggestion to Kamala Dayal Sub-Inspector Local Intelligence Unit because Kamla Dayal would have gone to Tehsil instead of police before taking possession of the road, but she gave preference to the police because of her setting could not be done in Tehsil. Concerned Police has occupied the private road applicant in a mysterious manner by misusing the position for offender Kamla Dayal. The police will have to tell on the basis of which document Kamla Dayal is throwing soil on the road of the applicant and has installed a submersible pump. Police occupying land for Kamla Dayal. यह कहावत यहा पूर्ण रूप से चरितार्थ हो रही है नौ सौ चूहे खा कर बिल्ली हज को चली श्री मान जी प्रार्थिनी तहसील जा कर कहे की हमारी रोड को कमला दयाल उपनिरीक्षक ने कब्ज़ा कर लिया है तो वे नहीं कहेगे की पुलिस के पास जाओ उसमे हम क्या कर सकते है This proverb is being fully realized here, after eating nine hundred rats, the cat went to Haj. what can do? Sir, applicant should go to Tehsil and say that our road has been occupied by the sub-inspector Kamala Dayal, then they will not say that you may go to the police, what can we do in it.

विभाग -पुलिसशिकायत श्रेणी -

नियोजित तारीख-06-08-2022शिकायत की स्थिति-

स्तर -थाना स्तरपद -थानाध्‍यक्ष/प्रभारी नि‍रीक्षक

प्राप्त रिमाइंडर-

प्राप्त फीडबैक -दिनांक को फीडबैक:-

फीडबैक की स्थिति -

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संदर्भ संख्या : 15157220132210 , दिनांक - 04 Aug 2022 तक की स्थिति

आवेदनकर्ता का विवरण :

शिकायत संख्या:-15157220132210

आवेदक का नाम-किरन सिंहविषय-जबरन रास्‍ता निकालने के संबंध में।

विभाग -शिकायत श्रेणी -

नियोजित तारीख-14-08-2022शिकायत की स्थिति-

स्तर -जनपद स्तरपद -जिलाधिकारी

प्राप्त रिमाइंडर-

प्राप्त फीडबैक -दिनांक को फीडबैक:-

फीडबैक की स्थिति -

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संदर्भ संख्या : 40015722058984 , दिनांक - 04 Aug 2022 तक की स्थिति

आवेदनकर्ता का विवरण :

शिकायत संख्या:-40015722058984

आवेदक का नाम-Kiran Singhविषय-संदर्भ संख्या : 40015722058354 , दिनांक - 30 Jul 2022 तक की स्थिति आवेदनकर्ता का विवरण :शिकायत संख्या:-40015722058354 आवेदक का नाम-Kiran Singh, For more details, vide attached document to the grievance. श्री मान निस्संदेह आपका सुझाव उचित है यदि आप यह सुझाव कमला दयाल उपनिरीक्षक लोकल इंटेलिजेंस यूनिट को दिए होते क्योकि प्रार्थिनी की सड़क कब्जा करने से पहले कमला दयाल पुलिस के बजाय तहसील गई होती किन्तु उन्होंने तो पुलिस को वरीयता दी क्योकि उनकी सेटिंग तहसील में नहीं हो पायी सोचिये सम्बंधित पुलिस प्रार्थी निजी रास्ते को कमला दयाल को पद का दुरपयोग करके रहस्य्मयी तरीके से कब्जा करा दिया अब प्रार्थिनी के तर्कसंगत प्रस्तुतीकरण से घबड़ा कर जवाब देने से भाग रही है पुलिस को मालुम होना चाहिए रास्ते में कोई बिबाद नहीं है बिबाद पुलिस द्वारा पैदा किया गया है पुलिस को यह बताना पड़ेगा किस दस्तावेज के आधार पर कमला दयाल प्रार्थिनी की रोड पर मिटटी फेकवा रही है और सबमर्सिबल पंप लगवाई है श्री मान जी भूमि पर कब्ज़ा पुलिस/अपराधिक केस है न की सिविल/दीवानी केस इसलिए पुलिस को भू कब्जा का मामला अपराधियों के विरुद्ध पंजीकृत करना चाहिए जिस तरह से पुलिस द्वारा स्थिरता के साथ मूकदर्शक बन कर प्रार्थिनी के रास्ते को कब्जा कराया अब नियमानुसार प्रथम सूचना रिपोर्ट से क्यों भाग रही है क्या पुलिस कोई भी कार्य नियमानुसार न करने का मन बना लिया है सोचिये पुलिस की बिस्वसनीयता इस समय रसातल में पहुंच चुकी है कोई भी धार्मिक व्यक्ति पुलिस की नौकरी क्या पुलिस से परहेज करता है श्री मान जी पुलिस क्यों प्रकरण से भाग रही है क्योकि जानती है की यदि प्रकरण की जांच की तो पंडोरा बॉक्स खुल जाएगा और खुछ घूसखोर साथी बेइज्जत हो जायेगे यही कटु सत्य है श्री मान जी सरकार द्वारा अच्छी खासी तनख्वाह ऑफिस में बैठ कर पोर्टल पर आख्या लगाने के लिए दी जाती है बल्कि मामले का तार्किक अन्वेषण हेतु दिया जाता है यहां तो पुलिस ने स्थलीय निरीक्षण तक नहीं किया और प्रार्थिनी की और से प्रस्तुत मोबाइल फ़ोन से भी सत्यता का परीक्षण करने का प्रयास नहीं किया गया इससे बड़ी कर्तव्य शिथिलता क्या हो सकती है ईमानदारी किसी के दबाव में नहीं पैदा होती है बल्कि यह ईश्वर प्रदत्त अच्छे संस्कारों से आती है जो की स्पस्ट है Sir, undoubtedly your suggestion is justified if you would have given this suggestion to Kamala Dayal Sub-Inspector Local Intelligence Unit because Kamla Dayal would have gone to Tehsil instead of police before taking possession of the road, but she gave preference to the police because of her setting could not be done in Tehsil. Concerned Police has occupied the private road applicant in a mysterious manner by misusing the position for offender Kamla Dayal. The police will have to tell on the basis of which document Kamla Dayal is throwing soil on the road of the applicant and has installed a submersible pump. Police occupying land for Kamla Dayal. यह कहावत यहा पूर्ण रूप से चरितार्थ हो रही है नौ सौ चूहे खा कर बिल्ली हज को चली श्री मान जी प्रार्थिनी तहसील जा कर कहे की हमारी रोड को कमला दयाल उपनिरीक्षक ने कब्ज़ा कर लिया है तो वे नहीं कहेगे की पुलिस के पास जाओ उसमे हम क्या कर सकते है This proverb is being fully realized here, after eating nine hundred rats, the cat went to Haj. what can do? Sir, applicant should go to Tehsil and say that our road has been occupied by the sub-inspector Kamala Dayal, then they will not say that you may go to the police, what can we do in it.

विभाग -पुलिसशिकायत श्रेणी -

नियोजित तारीख-06-08-2022शिकायत की स्थिति-

स्तर -थाना स्तरपद -थानाध्‍यक्ष/प्रभारी नि‍रीक्षक

प्राप्त रिमाइंडर-

प्राप्त फीडबैक -दिनांक को फीडबैक:-

फीडबैक की स्थिति -

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Beerbhadra Singh

To write blogs and applications for the deprived sections who can not raise their voices to stop their human rights violations by corrupt bureaucrats and executives.

2 Comments

Whatever comments you make, it is your responsibility to use facts. You may not make unwanted imputations against any body which may be baseless otherwise commentator itself will be responsible for the derogatory remarks made against any body proved to be false at any appropriate forum.

  1. श्री मान निस्संदेह आपका सुझाव उचित है यदि आप यह सुझाव कमला दयाल उपनिरीक्षक लोकल इंटेलिजेंस यूनिट को दिए होते क्योकि प्रार्थिनी की सड़क कब्जा करने से पहले कमला दयाल पुलिस के बजाय तहसील गई होती किन्तु उन्होंने तो पुलिस को वरीयता दी क्योकि उनकी सेटिंग तहसील में नहीं हो पायी सोचिये सम्बंधित पुलिस प्रार्थी निजी रास्ते को कमला दयाल को पद का दुरपयोग करके रहस्य्मयी तरीके से कब्जा करा दिया अब प्रार्थिनी के तर्कसंगत प्रस्तुतीकरण से घबड़ा कर जवाब देने से भाग रही है पुलिस को मालुम होना चाहिए रास्ते में कोई बिबाद नहीं है बिबाद पुलिस द्वारा पैदा किया गया है पुलिस को यह बताना पड़ेगा किस दस्तावेज के आधार पर कमला दयाल प्रार्थिनी की रोड पर मिटटी फेकवा रही है और सबमर्सिबल पंप लगवाई है

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  2. यह तो बहुत बड़ी गड़बड़ी है कृपया संबंधित को निर्देशित किया जाए कि इस तरह की गड़बड़ी रोके अन्यथा सिर्फ भ्रष्टाचार का बोलबाला होगा इसके अलावा यहां कुछ नहीं होगा

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